आंध्र प्रदेश में 500  करोड़   खर्च कर  बनवाए गए आलीशान महल पर बवाल

टीडीपी ने एक्स पर लिखा, 'रुशिकोंडा पैलेस देश का सबसे आलीशान महल है।
 

पहाड़ी पर कब्जा!

40 लाख का बाथटब?

पत्नी की डिमांड पर बना महल

इतालवी संगमरमर लगाई गईं

YSRPC का दावा, निजी संपत्ति नहीं


                         
आंध्र प्रदेश के विशाखाट्टनम में पहाड़ी पर एक महल बना है।  यह महल जगन मोहन रेड्डी का है। यह इतना आलीशान है कि इसे बनवाने में 500 करोड़ रुपये खर्च किए गए। मंहगा फर्नीचर लाया गया। बाथरूम में ही करोड़ो रुपये फूंक दिए गए।


आंध्र प्रदेश में सरकार बदलते ही वाईएस जगन मोहन रेड्डी पर शिकंजा कसने लगा है। एन चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने जगन मोहन पर 500 करोड़ रुपये खर्च करके महल बनवाने का आरोप लगाया है। आरोप है कि यह रकम भ्रष्टाचार करके जनता से लूटी गई। आरोप है कि जगन मोहन रेड्डी ने यह महल गुपचुप तरीके स बनवाया है। विशाखापत्तनम (विजाग) में व्यापक बैरिकेड्स लगाकर गुप्त रूप से एक पहाड़ी की चोटी पर महल का निर्माण किया। टीडीपी ने दावा किया कि रुशिकोंडा हिल पर स्थित आलीशान संपत्ति जगन रेड्डी के लिए एक कैंप ऑफिस के रूप में काम करने के लिए थी, जिन्होंने पहले विजाग को आंध्र प्रदेश की राजधानी घोषित किया था।

टीडीपी ने एक्स पर लिखा, 'रुशिकोंडा पैलेस देश का सबसे आलीशान महल है। जगन ने इस महल को लोगों के 500 करोड़ रुपये खर्च करके किसकी अनुमति से बनवाया? एपी के लोगों का कहना है कि इस पर गहन जांच होनी चाहिए।'


पहाड़ी पर कब्जा!
TDP का आरोप है कि रुशिकोंडा पैलेस की घटना ही यह जानने के लिए पर्याप्त है कि जगन को हराकर लोगों ने राज्य का कितना भला किया है। देखिए कि विशाखा में एक पहाड़ी पर कब्ज़ा करने और 500 करोड़ रुपये के सार्वजनिक पैसे से महल बनवाने के लिए उन्हें कितनी मेहनत करनी पड़ी!'


40 लाख का बाथटब?
टीडीपी ने दावा किया कि संपत्ति पर लगाए गए बाथटब की कीमत 40 लाख रुपये है। आरोप लगाया, 'पत्नी की इच्छा के लिए, 500 करोड़ रुपये का महल, बनवाया गया। इसमें उत्तर-पूर्व में समुद्र तट का नजारा दिखता है। अकेले बाथटब की कीमत 40 लाख रुपये है। फिर से उन्होंने गरीबों और भिखारियों का मजाक उड़ाया और गरीबों को उनके घरों से वंचित किया।'


पत्नी की डिमांड पर बना महल
टीडीपी ने लिखा, 'जब उनकी पत्नी ने उनसे बीच व्यू पैलेस खरीदने के लिए कहा, तो उन्होंने सभी नियम तोड़ दिए, जनता के सैकड़ों करोड़ रुपये बर्बाद कर दिए और अब आकर कहानियां सुना रहे हैं? लेकिन उस बाथरूम की तस्वीरें क्या हैं, क्या यह इतना बड़ा है? आपने वास्तव में क्या योजना बनाई थी? आपने किसके लिए स्केच बनाया?'


इतालवी संगमरमर लगाई गईं
टीडीपी ने तस्वीरें साझा करते हुए एक अन्य ट्वीट में कहा, 'रुशिकोंडा पैलेस में इस्तेमाल किए गए इतालवी संगमरमर और टाइलें मन को मोह लेने वाली हैं। इन इतालवी संगमरमर की प्रति फुट लागत के लिए, एक मध्यम वर्ग का व्यक्ति एक छोटे आकार के अपार्टमेंट का खर्च उठा सकता है। यह जगन रेड्डी के रुशिकोंडा में बनाया गया बीच व्यू पैलेस है, जिसमें राज्य प्रमुखों के बनाए गए शाही प्रसाद के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री का उपयोग किया गया है।'


YSRPC का दावा, निजी संपत्ति नहीं
वाईएसआरसीपी ने कहा कि रुशिकोंडा में जो इमारतें हैं, वे सरकारी इमारतें हैं। वे निजी संपत्ति नहीं हैं। वे किसी के भी नहीं हैं। इन इमारतों का निर्माण पिछली सरकार ने विशाखापत्तनम को दी गई प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए किया। यह सरकार पर निर्भर करता है कि वह उनका कैसे उपयोग करती है। 1995 से ही चंद्रबाबू यह दावा करते आ रहे हैं कि विशाखापत्तनम वित्तीय राजधानी है।

वे अब तक चार बार मुख्यमंत्री बन चुके हैं। यह समझिए कि भले ही कोई प्रधानमंत्री विशाखापत्तनम आए, कोई राष्ट्रपति आए, कोई मुख्यमंत्री जाए, या राज्यपाल जैसे लोग जाएं, उन्हें ठहराने के लिए कोई उचित इमारत नहीं है। रुशिकोंडा रिसॉर्ट्स की इमारतों के अंदर जाकर तस्वीरें लेना और कड़वी बातें दिखाना आपको भावनात्मक संतुष्टि दे सकता है, लेकिन विशाखापत्तनम के लोग ऐसा नहीं कर रहे हैं!