48 घंटे में दर्दनाक मौत दे रही ये बीमारी, ये 10 लक्षण दिखते ही अस्पताल भागें

एसटीएसएस संक्रमण के बैक्टीरिया खून और मांस में गूस जाते हैं और कई गंभीर लक्षण पैदा करते हैं।
 

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फेक्शस डिजीज (Ref) के अनुसार, जापान में इस जानलेवा वायरस के मामले एक हजार के करीब पहुंच गए हैं

STSS क्या है?

10 में से 3 मरीजों की मौत पक्की!


एसटीएसएस संक्रमण के बैक्टीरिया खून और मांस में गूस जाते हैं और कई गंभीर लक्षण पैदा करते हैं। यह शरीर के कई अंगो को एक साथ डैमेज कर सकता है और यही वजह है कि मरीज की 48 घंटे के भीतर मौत हो सकती है।


जापान में इन दिनों एक खतरनाक संक्रमण फैल रहा है। इसका नाम स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (STSS) है। इसे 'मांस खाने वाला बैक्टीरिया' (flesh eating bacteria) भी कहा जाता है क्योंकि यह मसल्स टिश्यू में घुसकर इन्हें खाना शुरू कर देता है। सबसे खतरनाक बात यह है कि इससे सिर्फ 48 घंटे में इंसान की मौत हो सकती है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फेक्शस डिजीज (Ref) के अनुसार, जापान में इस जानलेवा वायरस के मामले एक हजार के करीब पहुंच गए हैं और अब तक 77 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले साल संक्रमण के करीब 900 मामले देखे गए थे। यह संक्रमण किसी को भी प्रभावित कर सकता है। इस संक्रमण की वजह से जापान सहित पूरी दुनिया में दहशत पैदा कर दी है।

STSS क्या है?

एसटीएसएस एक दुर्लभ लेकिन गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण है यह आमतौर पर स्टैफिलोकोकस ऑरियस (स्टैफ) बैक्टीरिया के कारण होता है, लेकिन ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकोकस (स्ट्रेप) बैक्टीरिया भी इसे फैला सकते हैं। माना जाता है कि ये बैक्टीरिया शरीर में जहरीले पदार्थ छोड़ते हैं, जो गंभीर सूजन, टिश्यू को डैमेज करना और और असहनीय दर्द पैदा कर सकते हैं।


10 में से 3 मरीजों की मौत पक्की!
इस संक्रमण को जानलेवा माना जाता है क्योंकि इससे गंभीर जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। CDC के अनुसार, एसटीएसएस शरीर को बर्बाद कर सकता है, जिससे सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। संक्रमित ऊतक या अंग को निकालना पड़ सकता है। इलाज के बाद भी ये स्थिति जानलेवा हो सकती है। सीडीसी के आंकड़ों के मुताबिक, एसटीएसएस से पीड़ित 10 लोगों में से 3 लोगों की मौत हो जाती है।