चलती बस में लगी भीषण आग, ड्राइवर की सूझबूझ से बची 40 यात्रियों की जान
रामपुर बुशहर : हिमाचल प्रदेश के रामपुर बुशहर उपमंडल में बुधवार को एक बड़ा हादसा टल गया, जब हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) की एक बस अचानक आग का गोला बन गई। बस में सवार 40 यात्रियों की जान बस ड्राइवर मदन लाल की सूझबूझ से बच गई। यह घटना रामपुर बुशहर के निकट अपर ढकोलड़ स्थित हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के पास हुई।
बस में अचानक लगी आग, यात्रियों में मची अफरा-तफरी
लालसा से रामपुर बुशहर आ रही एचआरटीसी की बस (नंबर एचपी 06-6202) में बुधवार सुबह करीब साढ़े 11 बजे आग लग गई। घटना के समय बस में ड्राइवर मदन लाल और कंडक्टर चंदन सहित 40 यात्री सवार थे। जब बस ड्राइवर यात्रियों को उतारने के लिए बस रोक रहे थे, तब उन्होंने बस के अंदर से धुआं निकलते हुए देखा।
ड्राइवर ने तुरंत सतर्कता दिखाते हुए यात्रियों को बस से बाहर निकलने के लिए कहा। सभी यात्री सुरक्षित बाहर आ गए और कुछ ही देर में बस पूरी तरह आग की चपेट में आ गई। देखते ही देखते बस धू-धू कर जलकर राख हो गई। घटना की सूचना मिलते ही दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
स्थानीय लोगों में आक्रोश, HRTC की लापरवाही पर उठाए सवाल
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में भारी रोष देखने को मिला। ग्रामीणों का आरोप है कि इस रूट पर हमेशा पुरानी और जर्जर हालत में बसें चलाई जाती हैं, जिससे आए दिन यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ती है।
ग्रामीणों ने बताया कि रामपुर बुशहर डिपो में करीब 15 पुरानी बसें हैं, जो अपनी अवधि पूरी कर चुकी हैं। इसके बावजूद इन्हें जबरदस्ती ग्रामीण मार्गों पर चलाया जा रहा है, जिससे यात्रियों की सुरक्षा को खतरा बना हुआ है।
HRTC अधिकारियों का बचाव, लेकिन उठे कई सवाल
हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) रामपुर बुशहर डिपो के अधिकारियों ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। अधिकारियों का कहना है कि पुरानी और अनुपयोगी बसों को सेवा से बाहर कर दिया गया है और केवल फिट बसों को ही रूट पर चलाया जा रहा है।
हालांकि, इस घटना ने बसों की सुरक्षा और रखरखाव पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिवहन विभाग को यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी बसों की नियमित जांच करनी चाहिए और पुरानी बसों को रूट से हटाकर नई बसों की व्यवस्था करनी चाहिए।
ड्राइवर की सूझबूझ ने बचाई 40 यात्रियों की जान
इस पूरे घटनाक्रम में बस ड्राइवर मदन लाल की सतर्कता काबिले-तारीफ रही। अगर उन्होंने धुआं देखते ही तुरंत निर्णय नहीं लिया होता, तो बड़ा हादसा हो सकता था। यात्रियों ने भी ड्राइवर की सूझबूझ की सराहना की और कहा कि उनकी त्वरित प्रतिक्रिया से सभी की जान बच गई।
क्या कहती हैं प्रशासन और परिवहन विभाग की गाइडलाइंस?
HRTC के नियमों के मुताबिक, हर बस की नियमित जांच होनी चाहिए और पुरानी बसों को समय-समय पर बदलने का प्रावधान है। लेकिन इस घटना से यह सवाल उठता है कि क्या HRTC इन नियमों का पालन कर रही है?
जरूरी कदम जो उठाए जाने चाहिए:
बसों की नियमित जांच: सभी बसों की समय-समय पर मैकेनिकल जांच होनी चाहिए ताकि तकनीकी खराबियों को पहले ही दूर किया जा सके।
पुरानी बसों को हटाना: जो बसें अपना निर्धारित जीवनकाल पूरा कर चुकी हैं, उन्हें तुरंत सेवा से हटाया जाना चाहिए।
यात्रियों की सुरक्षा प्राथमिकता: परिवहन विभाग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि हो।
ड्राइवर और स्टाफ की ट्रेनिंग: ऐसी आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए ड्राइवरों और कंडक्टरों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।