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जानियें किडनी कैंसर होने के लक्षण , कैसे लगाएं पता , ऐसे करें बचाव

किडनी कैंसर एक साइलेंट बीमारी है जो जानलेवा हो सकती है इसलिए इसके इलाज के लिए इसके लक्षणों की समय पर पहचान जरूरी है,
 
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किडनी कैंसर के लक्षण

किडनी कैंसर के लक्षण


किडनी कैंसर का पता कैसे लगाएं

किडनी कैंसर के लक्षण


किडनी कैंसर का पता कैसे लगाएं

किडनी खराब होने पर क्या होता है?

किडनी कैंसर से बचने के लिए क्या करें

​यह उपाय भी आएंगे काम


 किडनी कैंसर एक साइलेंट बीमारी है जो जानलेवा हो सकती है इसलिए इसके इलाज के लिए इसके लक्षणों की समय पर पहचान जरूरी है, इस पहले लक्षण को नजरअंदाज न करें।

जून महीने के तीसरे गुरुवार को विश्व किडनी कैंसर दिवस (World Kidney Cancer Day) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन किडनी कैंसर, इसके लक्षणों और शुरुआती पहचान के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। किडनी कैंसर को रीकिडनी कैंसर एक साइलेंट बीमारी है जो जानलेवा हो सकती है इसलिए इसके इलाज के लिए इसके लक्षणों की समय पर पहचान जरूरी है,नल सेल कार्सिनोमा (RCC) के नाम से भी जाना जाता है।

समस्या यह है कि किडनी कैंसर के शुरुआती लक्षणों का अक्सर पता नहीं चल पाता है। यही वजह है कि इसे साइलेंट किलर माना जाता है। जैसे-जैसे ट्यूमर बढ़ता है, वैसे-वैसे कई तरह के लक्षण सामने आ सकते हैं।

किडनी शरीर का महत्वपूर्ण अंग है जिसका काम खून साफ करना, बीपी कंट्रोल रखना, मिनरल्स को बैलेंस रखना, हड्डियों को मजबूत बनाना आदि है। इसमें किसी तरह की खराबी या कैंसर का होना आपके जीवन के लिए खतरा हो सकता है। हालांकि समय पर लक्षणों को समझकर सही इलाज में मदद मिल सकती है।


किडनी कैंसर के लक्षण
आपको अपने पेशाब में खून दिख सकता है, जो कि परेशान करने वाला हो सकता है या पेशाब की जांच के दौरान पता चल सकता है
शरीर के निचले हिस्से या पेट के एक तरफ लगातार दर्द होना एक और आम लक्षण है जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए
कुछ लोगों को पेट या बाजू में गांठ महसूस हो सकती है
अचानक वजन कम होना और भूख न लगना इसके अन्य संभावित चेतावनी संकेत हैं
आप लगातार थका हुआ महसूस कर सकते हैं या बिना किसी स्पष्ट संक्रमण के बीच-बीच में बुखार आ सकता है
हाई ब्लड प्रेशर जिसे कंट्रोल करना मुश्किल लगता है, यह भी एक संकेत हो सकता है।


किडनी कैंसर का पता कैसे लगाएं
किडनी कैंसर का पता लगाने में क्लिनिकल जांच, इमेजिंग स्टडी और कभी-कभी बायोप्सी का सहारा लिया जाता है। अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन और एमआरआई जैसे इमेजिंग स्टडी का इस्तेमाल आम तौर पर किडनी की साफ तस्वीर लेने और किसी भी ट्यूमर का पता लगाने के लिए किया जाता है। पेशाब की जांच में खून और अन्य असामान्यताएं पता चल सकती हैं, जबकि ब्लड टेस्ट से किडनी के कार्य का आकलन करने और किडनी कैंसर से जुड़े मार्करों का पता लगाने में मदद करते हैं। कुछ मामलों में, आगे की जांच के लिए टिश्यू सैंपल लेने के लिए बायोप्सी की जा सकती है।


किडनी खराब होने पर क्या होता है?
यदि किडनी ठीक से काम नहीं करती हैं, तो शरीर में अपशिष्ट पदार्थ और अतिरिक्त पानी जमा हो सकता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर, थकान, मतली, सूजन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। गंभीर मामलों में, किडनी फेलियर हो सकता है, जिसके लिए डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत हो सकती है।


किडनी कैंसर से बचने के लिए क्या करें


किडनी का कैंसर पूरी तरह से तो रोका नहीं जा सकता, लेकिन कुछ आदतों और सावधानियों को अपनाकर इस खतरे को कम किया जा सकता है।
स्मोकिंग से बचें- सिगरेट पीना किडनी कैंसर का एक बड़ा कारण है। स्मोकिंग छोड़ना इस खतरे को कम करने का सबसे महत्वपूर्ण कदम है।
वजन कंट्रोल करें- मोटापा भी किडनी कैंसर के खतरे को बढ़ा देता है। इसलिए बैलेंस डाइट और एक्सरसाइज से वजन को कंट्रोल में रखना जरूरी है।


​यह उपाय भी आएंगे काम
ब्लड प्रेशर कंट्रोल करें- हाई ब्लड प्रेशर भी किडनी कैंसर का एक कारण है। इसलिए अपना ब्लड प्रेशर नियमित रूप से जांच कराएं और डॉक्टर की सलाह अनुसार दवाइयां लें।
हेल्दी डाइट लें- फलों, सब्जियों और साबुत अनाज से भरपूर आहार लें। साथ ही प्रोसेस्ड मीट और फैट वाली चीजों को कम खाएं।
पानी पीते रहें- किडनी को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है।

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