सत्ता/ज्ञान (Power/Knowledge) पर निबंध ।

समाजशास्त्री सता को प्रायः दूसरों पर अपनी इच्छा थोपने की योग्यता को कहते है चाहे दूसरे इसका किसी भी प्रकार का विरोध करें । सता का अभिप्रायः सामाजिक संबद्धों के भीतर वह अवसर हैं जो किसी को प्रतिरोध के विरुद्ध तथा यह अवसर किस आधार पर उपलब्ध है का ध्यान दिए बिना अपनी इच्छा पूरी करने की अनुमति प्रदान करता है।
फोकाल्ट ने सत्ता को कहीं परिभाषित नहीं किया है, लेकिन उसने सत्ता संबंध को जरूर परिभाषित किया है। उसने कहा कि 'सत्ता का प्रयोग भागीदारों, व्यक्तियों अथवा समूहों के बीच केवल संबंध ही नहीं है, अपितु यह एक विधि भी है . जिससे कुछ क्रियाएँ दूसरों में परिवर्तन लाती है। सत्ता को बिना ज्ञान के प्रयोग करना असंभव है, साथ ही ज्ञान का सत्ता के लिए खतरा बनना भी असंभव है।
भाषण में सत्ता होती है, क्योंकि भाषण विशेष ज्ञान और सत्ता को स्थापित करता है और इसकी पुष्टि सामाजिक नियमों के निर्माण, व्यवहारों एवं परंपराओं के माध्यम से होती है।
हेडिगियर ने 'हमारी अपने अस्तित्व के प्रति प्रौद्योगिक समझ की आलोचना की। सत्ता को समझना और विश्लेषण करना समाजशास्त्र में आलोचनात्भक विषय रहा है।
इस इकाई में हम सत्ता की परिभाषा का विस्तारपूर्वक अध्ययन करेंगे। सत्ता/ज्ञान के संबंधों की व्याख्या, फोकाल्ट का पुरातत्वीय लेखन एवं वंश विषयक ज्ञान क्या है पर भी चर्चा करेंगे।