गद्य साहित्य भारततेंदुन हरीश चंदर पर निबंध
संवत् 1922 में ये अपने परिवार के साथ जगन्नाथजी गए। उसी यात्रा में उनका परिचय बंग देश की नवीन साहित्यिक प्रगति से हुआ।
Jun 19, 2024, 11:57 IST

भारतेंदु के नाटकों में सबसे पहले ध्यान इस बात पर जाता है कि उन्होंने सामग्री जीवन के कई क्षेत्रों से ली है।
'चंद्रावली' में प्रेम का आदर्श है। '