बेटे को डिग्गी में डूबता देख बेटे को बचाने के लिए डिग्गी में उतरी माँ, खेत में बनी डिग्गी में डूबने से मां-बेटे की मौत,
Seeing the son drowning in the diggy, the mother got into the diggy to save the son,
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Seeing the son drowning in the diggy, the mother got into the diggy to save the son, mother and son died due to drowning, nohar news, Chopta Plus : माँ की ममता का कोई मोल नहीं होता, माँ अपनी औलाद को बचाने के लिए अपनी जान भी दे सकती है. ऐसा ही शुक्रवार को राजस्थान Rajasthan के हनुमानगढ़ Hanumangarh जिले के नोहर Nohar क्षेत्र के गांव खुईयां Khuiyan में एक माँ ने अपने बेटे को बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी, जानिए पूरी खबर...
नोहर क्षेत्र के गांव खुईयां में शुक्रवार को खेत में बनी डिग्गी में डूबने से मां-बेटे (mother son died) की मौत हो गई। घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया। परिवारजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। जानकारी के अनुसार खुईयां गांव निवासी मालाराम (30) पुत्र भानीराम गांव के पास अपने खेत में परिवार के सदस्यों के साथ कृषि कार्य कर रहा था। खेत में मालाराम की पत्नी और उसकी मॉ नर्बदा देवी भी मौजूद थी। खेत में बनी पानी कि डिग्गी में मालाराम पानी का पाइप जोड़ रहा था। तभी अचानक उसका पैर फिसल गया और वह डिग्गी में गिर गया।
अचानक बेटे को डिग्गी में गिरता देख पास में ही कृषि कार्य कर रही उसकी 65 वर्षीय मां नर्बदा देवी अपने बेटे को बचाने के लिए डिग्गी की ओर दौड़ी। मां ने डिग्गी में गिरे बेटे मालाराम को बचाने की हर संभव प्रयास किए। इस दौरान मां बेटे को बचाने के लिए डिग्गी में उतर गई। मगर डिग्गी में पानी अधिक गहरा होने के कारण दोनों डिग्गी से बाहर नही निकल पाए।
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इस दौरान खेत में ही मालाराम की पत्नी कृषि कार्य कर रही थी। उसने सास और पति को डिग्गी में गिरता हुआ देख शोर मचाया तो आस-पास खेतों में काम कर रहे लोग मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों के सहयोग से मां-बेटे को डिग्गी से बाहर निकाला गया। दोनों को एम्बुलेंस की मदद में नोहर राजकीय चिकित्सालय लाया गया। मगर तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी।
घटना की जानकारी मिलने पर खुईयां पुलिस राजकीय चिकित्सालय नोहर पहुंची और सम्पूर्ण घटना की जानकारी ली। पुलिस ने दोनों शवों का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने इस संबंध में मर्ग दर्ज की हैं। बताया जाता हैं कि जिस डिग्गी में डूबने से मां-बेटे की मौत हुई, उसकी गहराई 12 से 13 फीट है। मालाराम ने खेत में फसल सिंचित करने हेतु डिग्गी बनवाई थी। नहर से उस डिग्गी में पानी भरा जाता था। बताया जाता हैं कि मालाराम 6 बहनों में इकलौता पुत्र था। घटना के बाद पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई।