Kotputli Borewell Rescue: 150 फीट गहराई में फंसी मासूम चेतना, बचाने के लिए जारी है जंग ! Kotputli Borewell Rescue: 150 फीट गहरे बोरवेलमें फंसी मासूम चेतना, बचाने के लिए जारी है जंग
कोटपूतली बोरवेल हादसा: 3 साल की बच्ची 750 फीट गहरे बोरवेल में गिरी, 7 घंटे से अधिक समय से फंसी
कोटपूतली के कीरतपुरा गांव की बढ़ियाली ढाणी में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। 3 साल की मासूम बच्ची, चेतना, शनिवार दोपहर करीब 2 बजे घर के बाहर खेलते समय 750 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई।
हादसा होते ही स्थानीय लोग और प्रशासन मौके पर पहुंच गए, लेकिन खबर लिखे जाने तक बच्ची बोरवेल में फंसी हुई है और उसे गिरने के सात घंटे से अधिक समय हो चुका है। राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन बच्ची की सलामती को लेकर लोग परेशान हैं।
इधर, मौके पर पहुंचे पुलिस प्रशासन, चिकित्सा विभाग व एसडीआरएफ टीम ने बालिका को गैस पाइप से ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू की है। बोरवेल में सीसीटीवी कैमरे उतारे गए, जिसमें तीन घंटे बाद बालिका की हलचल दिखाई दे रही थी। SDRF की टीम बालिका को बोरवेल से बाहर निकालने की जुटी है।
इधर, मौके पर पहुंचे पुलिस प्रशासन, चिकित्सा विभाग व एसडीआरएफ टीम ने बालिका को गैस पाइप से ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू की है। बोरवेल में सीसीटीवी कैमरे उतारे गए, जिसमें तीन घंटे बाद बालिका की हलचल दिखाई दे रही थी। SDRF की टीम बालिका को बोरवेल से बाहर निकालने की जुटी है।
बोरवेल में गिरने का इस तरह हुआ हादसा
जानकारी के अनुसार किरतपुर निवासी भूपसिंह ने अपने घर के सामने खेतों में सिंचाई के लिए शनिवार को बोरवेल के लिए 700 फीट की गहराई तक 8 इंच व्यास की खुदाई कराई थी। इसमें 150 फीट की गहराई तक लोहे के पाइप डाले गए थे। लेकिन इसमें पानी नहीं आने से परिजनों ने बोरवेल की खुदाई बंद कर दी और सोमवार सुबह पाइप बाहर निकाल कर इसे लोहे की परात से ढक दिया।
बालिका के परिजन बोरवेल में भरने के लिए मिट्टी लेने गए थे। इधर, भूपसिंह की पुत्री तीन वर्षीय चेतना व उसती सात वर्षीय बड़ी बहन स्कूल से घर लौटी और खेलते खेलते बोरवेल तक पहुंच गई। दोपहर करीब 2 बजे चेतना ने बोरवेल पर लगे बर्तन को हटा दिया और पैर फिसलने से चेतना उसमें गिर गई।
रस्सी हाथ से छूटी तो गहराई में पहुंची
बड़ी बहन ने घर पहुंचकर परिजनों को बताया तो घर पर बैठे सभी लोग दौडे और रस्सी डालकर उसे बाहर निकालने का प्रयास किया। जब तक बालिका 10-15 फीट तक की गहराई तक जाकर बोरवेल में फंस गई थी। उस समय तक उसके रोने की आवाज सुनाई दे रही थी। परिजनों ने बताया कि बालिका ने रस्सी को पकड़ा, लेकिन उसे बाहर खींचने के दौरान रस्सी उसके हाथ से छूट गई और वह डेढ़ सौ फीट नीचे पत्थर पर जाकर टिक गई। सूचना पर पुलिस प्रशासन चिकित्सा व राहत दल की टीम मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया।
रेस्क्यू ऑपरेशन में अभी तक क्या-क्या?
शाम को करीब 5 बजे एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन संयुक्त रूप से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। बोरवेल में ऑक्सीजन पाइप डालकर चेतना को सांस लेने में सहायता दी जा रही है। मौके पर तीन जेसीबी, हाइड्रोलिक मशीन, बोरिंग मशीन, एंबुलेंस व दमकल को तैनात किया गया है। इसके अलावा बोरवेल में कैमरे डालकर बच्ची की स्थिति की निगरानी की जा रही है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम शिकंजानुमा उपकरण से बच्ची को बाहर निकालने की कोशिश कर रही है।
सांसद और विधायक मौके पर मौजूद
एडीएम ओमप्रकाश सहारण, एएसपी वैभव शर्मा, एसडीएम ब्रजेश चौधरी, उप अधीक्षक राजेन्द्र बुरडक, सीएमएएचओ डॉ. आशीष शेखावत व तहसीलदार रामधन गुर्जर मौके पर लगातार मॉनिटरिंग कर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे रहे। वहीं सूचना मिलते ही जयपुर ग्रामीण सांसद राव राजेन्द्र सिंह व कोटपूतली विधायक हंसराज पटेल भी मौके पर पहुंचे और जानकारी ली।