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भीषण गर्मी के प्रकोप से दिल्ली बनी मौतों की राजधानी, 10 दिन में गर्मी से करीब 200 मौतें

 दिल्ली में इस बार जानलेवा गर्मी पड़ रही है। हालात ये हैं कि बीते 10 दिन में 200 के करीब लोगों ने अपनी जान गंवाई है
 
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दिल्ली में गर्मी से जान पर आफत!

जून में अब तक कुल 348 लोगों की मौत को चुकी है। 

पुलिस ने कहा- बीते 48 घंटे में मिले 50 शव

बेघर लोगों के लिए 'काल' बनी प्रचंड गर्मी


 दिल्ली में इस बार जानलेवा गर्मी पड़ रही है। हालात ये हैं कि बीते 10 दिन में 200 के करीब लोगों ने अपनी जान गंवाई है। ऐसा माना जा रहा कि तपती गर्मी और लू से ये जान गई। ज्यादातर प्रभावित लोग वो हैं जिनके पास घर नहीं है। 


राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली भी इससे अछूती नहीं है। हालात ऐसे हैं कि घर के बाहर ही नहीं, घर के अंदर भी लोग हीट स्ट्रोक का शिकार हो रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 10 दिनों में करीब 200 मौतें दिल्ली में गर्मी और लू की वजह से हुई हैं। इस रिकॉर्ड तोड़ गर्मी का सबसे ज्यादा शिकार बेघर लोग बन रहे हैं। 

गैर-सरकारी संगठन सेंटर फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, 11 से 19 जून के दौरान दिल्ली में 192 बेघर लोगों के मौत की सूचना मिली है। पिछले 48 घंटे में दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों में 116 ब्रॉट डेड मरीजों की पुष्टि हुई है। इसमें 30 मरीजों की मौत हीट स्ट्रोक और गर्मी से संबंधित बीमारी की वजह से हुई है। 13 मौतें तो एक ही अस्पताल में हुई हैं।


दिल्ली में गर्मी से जान पर आफत!
उत्तर-पश्चिम भारत में लगातार चढ़ता पारा आम लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहा। ऐसे में लोगों को कई गंभीर स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों का भी सामना करना पड़ रहा। 

जून में अब तक कुल 348 लोगों की मौत को चुकी है। 
संस्था का यह भी दावा है कि जिन डेड बॉडी की पहचान नहीं हो पाती है उसमें से 80 फीसदी बेघर होते हैं। हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल मई में 371 की जान गई थी तो जून में 277 मौतें हुई थीं। कोविड काल 2020 के मई में 255 और जून में 356 मौतें हुई थीं। 2021 मई में 259 और जून में 255 मौतें हुई थीं। 2022 मई में 354 और जून में 451 मौतें हुई थी। 2023 के मई में 371 और जून में 277 जानें गई थीं।


पुलिस ने कहा- बीते 48 घंटे में मिले 50 शव
पुलिस ने गुरुवार को बताया कि पिछले 48 घंटों के दौरान उसने 50 लोगों के शव बरामद किए। ये सभी लोग बेघर पृष्ठभूमि के थे। हालांकि, पुलिस ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या सभी की मौत गर्मी के कारण हुई है। हालांकि यह ऐसे समय में हुई हैं जब शहर में गर्मी से मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा। बेघर लोगों के लिए काम करने वाले एनजीओ ने कहा कि इन 48 घंटों में पाए गए कुल अज्ञात शवों में से 80 फीसदी ऐसे हैं जिनके घर का कोई पता नहीं मिला है।


बेघर लोगों के लिए 'काल' बनी प्रचंड गर्मी
एनजीओ की ओर से बताया गया कि भीषण गर्मी के बीच हीटवेव बेघर लोगों की पहले से ही कठिन परिस्थितियों को और भी बदतर बना देती है। घर नहीं होने की वजह से वो कहां आश्रय लें ये बड़ा सवाल होता है। ऐसी स्थिति में उन्हें लू लगने, गर्मी से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं जैसे थकावट, हीटस्ट्रोक और पानी की कमी हो सकती है। अस्पतालों में भी पिछले दो दिनों के दौरान गर्मी से संबंधित मामलों और मौतों में बढ़ोतरी की सूचना मिली है।

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